संस्कृति संस्कृत
शुक्रवार, 17 जून 2011
मकबूल गता, मानसिक्ता न
अस्माकम् कृते किंचिद हर्षस्य् विषया भवितुम् यत् मकबूल गता परन्तु एताद्रृस्य यावत् पर्यन्त भवेत् तावत् पर्यंत् वयम् पूर्ण रूपेण न सुरक्षित अस्ति
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